योजना के अंतर्गत युवाओं को प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठानों का पंजीयन 07 जून 2023 से और काम सीखने के इच्छुक युवाओं का पंजीयन 15 जून 2023 से आरंभ होगा। 15 जुलाई 2023 से युवाओं का आवेदन आरंभ होगा तथा 31 जुलाई 2023 से युवा, प्रतिष्ठान एवं मध्य प्रदेश के मध्य अनुबंध हस्ताक्षर (ऑनलाइन) की कार्यवाही होगी तथा 01 अगस्त 2023 से विभिन्न प्रतिष्ठानों में युवाओं का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा। 1 माह प्रशिक्षण के उपरांत अर्थात् 1 सितंबर 2023 से युवाओं को राशि (स्टाइपेण्ड) का वितरण राज्य शाशन द्वारा किया जाएगा। उपरोक्त समस्त कार्यवाही योजना के पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा। यह क्रांतिकारी योजना युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होना सिखायागी।

औपचारिक शिक्षा के उपरातं बहुधा युवा औद्योगिक एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रोजगार प्राप्त करने के लिए पर्याप्त कुशल नहीं होते। माननीय मुख्यमंत्री जी के मंशानुरुप राज्य शाशन द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में On-the-Job-Training (OJT) की सुविधा देने हेतु ''मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना'' लागू की गई है, जिससे औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान युवाओं को प्रशिक्षित करने तथा युवा ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित हों।

योजना के तहत प्रतिवर्ष 1 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा, आवश्यकतानुसार लक्ष्य बढ़ाया जा सकता हैं। प्रत्येक युवा को राज्य शाशन द्वारा ₹1 लाख तक का स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा।

1. युवाओं की पात्रता :

योजना के तहत ऐसे युवा पात्र होंगे,

  • जिनकी आयु 18 से 29 वर्ष तक हो |
  • जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हों |
  • जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं/आईटीआई उत्तीर्ण या उससे उच्च हो।

योजना के तहत चयनित युवा को “छात्र-प्रशिक्षणार्थी” कहा जाएगा।

2. युवाओं को स्टाइपेण्ड:

  • मध्यप्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षण के साथ साथ प्रतिमाह स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा।
  • 12वीं उत्तीर्ण को रु. 8000, आईटीआई उत्तीर्ण को रु. 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को रु. 9000 एवं स्नातक उत्तीर्ण या उच्चशैक्षणिक योग्यता को रु. 10000 स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा।
  • स्टाइपेण्ड, कोर्ष के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक अहर्ता के आधार पर निर्धारित किया गया है।

3. युवाओं को लाभ:

  • उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण।
  • नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रकिया के माध्यम से प्रशिक्षण।
  • व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड।
  • मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा State Council for Vocational Training (SCVT) का प्रमाणन।
  • नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना।